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Hindustani 2 ( Indian 2): Terrible stuff all around! Easily the worst Kamal Haasan movie ever

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Indian 2 (Hindustani 2) Review: Easily the worst Shankar movie ever. Right from the storytelling to the screenplay to the makeup to the music. The scenes were super disconnected and made no real sense, while Anirudh’s music and background score didn’t match what was on the screen at all.

Emotional scenes invoked no emotions, some action sequences were over the top and unbelievable, even for a Shankar movie. While the thought process was okay, the overall implementation was so bad that this movie would make even a movie like Sura worth watching!

Actors – Sidhath, Bhavani, Jagan, and Bobby got a good platform to show their talent but the movie didn’t carry them on a high note.

Extremely predictable & poor script and very loose screenplay! Kamal Hasan is a great performer but not at his best Just because of the story and screenplay.

Thank God , Mokka Romantic Song of Sidarth – Rakul Preet wasn’t there in the movie. In fact, the Indian-2 Trailer itself has INDIAN 3 scenes clearly as many were missing in this.

This unedited version was Painful and must have the patience to watch it one more time in the theater. We know it’s Not Shankar’s choice but the producers’ choice to divide this and make money.

Kamal didn’t act at all. He just came like in BiggBoss and talked and went. Looks like he is retired already and doesn’t want to stress himself anymore, he just comes like a guest appearance and talks his dialogues and goes. THATHA VARARU song choreography was the WORST, looks like School children’s steps just shaking hands and shaking legs. Unbelievable why Shankar spent so much money on painting and sets and crew just to do that silly dance.

The whole movie is Backdated and has lots of CRINGE especially Bad guys jumping like horses and running scenes.

Can’t believe 3 people have written dialogues for this movie. Hopefully, INDIAN 3 Will bring back SHANKAR’s reputation.

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अजय देवगन और तब्बू ऐसे जैसे एक सच्चे प्रेमी

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Auron Mein Kahan Dum Tha Movie Review: औरों में कहां दम था क्या यह फिल्म देखने लायक है या फिर यूं ही नाम रख दिया गया है Auron Mein Kahan Dum Tha फिल्म की स्टोरी लाइन कैसी है फिल्म का डायरेक्शन कैसा है फिल्म में अजय देवगन और तब्बू की केमिस्ट्री कैसी है फिल्म में शांतनु माहेश्वरी और साई मंझरेकर ने काम किया है, कैसा काम किया है फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक कैसा है डायरेक्शन कैसा है या फिल्म आपको दिखने लायक है या नहीं ?

अगर हम सबसे पहले फिल्म की कहानी को लेकर बात करें तो फिल्म की कहानी अजय देवगन और तब्बू की केमिस्ट्री को दिखाई गई है कि अब बचपन में जो शांतनु ने किरदार निभाया है अजय देवगन का और साई ने निभाई है तब्बू का तो दोनों की केमिस्ट्री बचपन में कैसी थी कैसे प्यार हुआ और दोनों का प्यार होने के बाद कुछ ऐसी स्थितियां आ जाती हैं कि अजय देगन को जेल जाना पड़ता है और जेल में जिस तरह की भाईगिरी, जिस तरह की गुंडागर्दी अजय देगन ने की है वो एक अलग ही लेवल का था अगर हम ही बात करें फिल्म के आगे की कहानी को लेकर जब जिमी सरग का एंट्री होता है तो कुछ अलग ही लेवल चला जाता है |


तब्बू और अजय देवगन ने जिस तरह एक्टिंग किया है लग रहा की रियल एक्टिंग चल रही है अजय देवगन तो अजय देवगन है और तब्बू भी अच्छा काम किया है और वही हम फिर से बात करें शंतनु को लेकर शंतनु ने बहुत अच्छा से काम किया है जो उसका चेहरे का अग्रेशन है बहुत अच्छा लग रहा है साई ने अच्छा काम किया दोनों की केमिस्ट्री काफी अच्छा दिख रही है लेकिन फिर हम बात बात करने वाले कि स्टोरी को लेकर स्टोरी लेवल की बात करें तो स्टोरी लेवल इन्होंने बहुत अच्छे तरीके से पिक किया है और स्टोरी थोड़ी सी स्लो जरूर है लेकिन म्यूजिक ने इस स्लो स्टोरी में एक जान लगा दिया है | आप फिल्म में पूरी तरह से घुस जाने वाले हैं एंजॉय करने वाले हैं और ऐसा लगने वाला है कि आगे अब कुछ होने वाला है अब कुछ होने वाला है क्योंकि बैकग्राउंड म्यूजिक इस लेवल से इन्होंने पिक किया है, इस लेवल से इन्होंने डाला है कि ऐसा लग रहा है कि म्यूजिक और एक्टिंग के बदौलत अब कुछ हो जाएगा | यानी जिस तरह अजय दग एक्टिंग कर रहे हैं जिस तरह तबू एक्टिंग कर रही है ऐसा लग रहा है कि अब कुछ होने वाला है अब कुछ दूसरा होने वाला है मतलब ऐसा पूरी फिल्म में चलने वाला है और इसके बाद इंटरवल के बाद जो फिल्म आती है उसमें पता चलता है कि अजय देवगन जेल क्यों गए हैं ? एक्चुअल में क्या हुआ था |

जिस तरह जिम्मी सर्किल की एंट्री हुई है ऐसा लग रहा था फिर से कुछ अलग होने वाला है लेकिन होता कुछ और है यानी जिस तरह की एक्टिंग अजय दवगन तब्बू की जा रही थी उस लेवल की जिम्मी शेरगिल की भी गई है यानी ब्रांड ब्रांड होता है ओल्ड इज ऑलवेज गोल्ड होता है नो डाउट फिल्म की स्टोरी थोड़ी सी स्लो है लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक के बदौलत अपने लेवल में आ जाती है |


डायरेक्शन अच्छे तरीके से किया गया है हां एक चीज इस फिल्म का स्टार्टिंग से ही सबसे बेस्ट मुझे लगा है वो है सिनेमेटोग्राफी | सीन बहुत अच्छे तरीके से इस फिल्म में दिखाया गया है मुझे यह फिल्म का सिनेमेटोग्राफी बहुत अच्छा लगा इसके बाद एक्टिंग तो भाई एक्टिंग होती है ओल्डी अल्वेज गोल्ड होता है, तो ओवरऑल फिल्म फैमिली के साथ देखने लायक है और फिल्म में शुरू से लेकर लास्ट तक एक्साइटमेंट बनी रहेगी एक ऐसी लव स्टोरी, जो कहानी तो बहुत साल पहले की है लेकिन ऐसा लग रहा है कि अभी-अभी नए जमाने की यह कहानी चल रही है ओवरऑल फिल्म एक बार तो देखने लायक है अगर आप अजय देगन के फैन है तो आप डेफिनेटली फिल्म को देखने जा सकते हैं अगर मैं इस फिल्म के रेटिंग की बात करूं तो मैं इस फिल्म को 3.5 दूंगा आउट ऑफ फाइव में |

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उलझ मूवी नहीं, पूरी उलझन है

Ulajh Movie Review: फिल्म उलझ, यह फिल्म आपको देखनी चाहिए या फिर फिल्म वालों ने उलझा के रख दिया है फिल्म की स्टोरी कैसी है, डायरेक्शन कैसा है, फिल्म में काम कर रहे जानवी कपूर और गुलशन देवैया , रोशन मैथ्यू , का काम कैसा है बैकग्राउंड म्यूजिक कैसा है ?

अगर हम फिल्म के स्टोरी लाइन के बारे में बात करें तो फिल्म के स्टोरी लाइन है कि एक आईएफएस ऑफिसर को ब्लैकमेल किया जाता है और इतने घटिया तरीके से इस फिल्म के स्टोरी लाइन को दिखाया गया है कि ऐसा लग रहा है कि हिंदुस्तान का ROW एकदम घटिया है और इसका कोई वजूद ही नहीं है क्योंकि बॉलीवुड हमेशा से पाकिस्तान को ऑलवेज गुड दिखाते आया है इस फिल्म में भी यही दिखाया गया है और सबसे बड़ी बात है कि इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि रॉ इतनी घटिया काम कर सकती है और रॉ का तो कोई वजूद ही नहीं है रॉ घटिया होती है हा अगर ऐसा होता हो तो बात ही अलग है अगर वही बात फिल्म में जो आईएफएस ऑफिसर के बारे में दिखाया गया है एक आईएफएस ऑफिसर इतनी घटिया हो सकता है इतना छोट बुद्धि का हो सकता है किसी ने सोचा नहीं होगा क्योंकि
एक आईएफएस ऑफिसर लंदन जाती है और लंदन जाते-जाते उसको उसी दिन एक ऐसे आदमी से प्यार हो जाता है जो एक घंटे पहले मिला होता है और एक ही घंटे में बात बेड तक पहुंच जाती है यानी सब कुछ, उसके बाद से एमएमएस बन जाता है और एमएमएस बनाकर वो आदमी जिसके के साथ ये टिप टॉप टिकटॉक कर रही होती हैं वो इनको ब्लैकमेल करने लगता है यानी एक आईएफएस ऑफिसर इतना छोट बुद्धि की हो सकती है कि किसी को जाने पहचाने बिना ही एक घंटे में सब कुछ, वाह क्या बात है मतलब इतनी घटिया तरीके से एक आईएफएस ऑफिसर के बारे में दिखाया गया है इतना बेवकूफ एक आईएफएस ऑफिसर तो हो नहीं सकता है | लेकिन चलो ठीक है कुछ भी हो सकता है दूसरी बात इस फिल्म में दिखाया गया है कि पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर को हिंदुस्तान के रॉ पाकिस्तान के एक दो लोगों से मिलकर उसको मारना चाहता है यानी रॉ पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर को हिंदुस्तान में मारना चाहता है वाह!

आईएसएस ऑफिसर जानवी कपूर इनका तो पंच लाइन ही बहुत ग्रेट है क्योंकि यह अकेले लड़ने लगती है और ये एमएमएस बनवा लेती है और इसका दिमाग काम नहीं करता है यह बड़ी ऑफिस बन जाती है क्योंकि इसका फैमिली बैकग्राउंड बहुत हाई लेवल का इसके दादा जी इसके पिताजी आईएफएस में रह चुके हैं इसलिए इसको लंदन भेज दिया जाता है wow काबिले तारीफ स्टोरी है, इसके अलावा अगर मैं बोलूं फिल्म के डायरेक्शन को लेकर तो डायरेक्शन में कई कमियां दिखी हैं जिसको बया नहीं किया जा सकता है क्योंकि स्टोरी इतनी अच्छी तरीके से घटिया बनाई गई है तो डायरेक्शन में थोड़ी बहुत कमी तो होगी | फिल्म अगर आप देखना चाहते हैं एक आईएफएस ऑफिसर की बेइज्जती कि कैसा हो सकता है रॉव कितनी घटिया काम कर सकती है और हिंदुस्तान के रॉ मिलकर पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर को मारना चाहती है इस तरह की कहानी अगर आप देखना चाहते हैं जानवी कपूर को अगर आप देखना चाहते हैं कि जानवी कपूर एक आईएफएस ऑफिसर बनी है लेकिन आईएफएस ऑफिसर लग नहीं रही है तो आप जा सकते हैं अगर आप देखना चाहते हैं कि एक आईएफएस ऑफिसर का एमएमएस लीक हो जाता है वह भी उसके साथ जो एक घंटे पहले वो मिली होती है और उसके साथ क्या-क्या कर लेती है जिसको वह ना जानती है ना पहचानती है और फॉरेन लेवल का डिप्लोमेटिक मीटिंग कर रही है ओ आईएफएस ऑफिसर का एमएमएस बन जाता है
एक ही घंटे में सब कुछ इस तरह की अगर कहानी देखना चाहते हैं गुलशन देवैया , रोशन मैथ्यू ने अच्छा काम किया है एक विलन का किरदार गुलशन बहुत अच्छा काम किया है| आप देखना चाहते हैं तो आप इस फिल्म को देखने जा सकते हैं और मैं इस फिल्म को आउट ऑफ फाइव में टू स्टार देता हूं

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Chandu Champion Movie Review: Motivation Ka Tadka. Kartik Aryan’s Another Super Hit Movie.

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Movie: Chandu Champion 
Directed by Kabir Khan
Produced By Sajid Nadiadwala, Kabir Khan Starring - Kartik Aaryan, Vijay Raaz, Yeshpal Sharma, Rajpal Yadav
Ratting: 3.5/5

Movie Review: “Chandu Champion” is a cinematic portrayal of an extraordinary journey, inspired by the life of an ex-Indian Army personnel and sports icon who clinched India’s first Paralympic gold medal Name is Murlikant Petkar. His remarkable achievements were recognized with the prestigious Padma Shri award in 2018 by the president of India during the tenure of Prime Minister Modi’s government.
We can say that if the President of India had not given the Padma Shri award, then perhaps the makers of Chandu Champion would not have been able to make this film. Because hardly anyone would have paid attention to it.

Similarly, there is a story of a child who is stubborn in childhood and only wants a gold medal And he goes to any extent to get the gold medal. Then the story starts how he joins the army, how he gets shot in the army’s fights. how he goes to the Param Olympics. The movie also Shows About the Sports Federations of India and how the Indian government was not aware about sports.I don’t Want To Give Spoilers Of The Movie. So If You Will Watch The Movie I Am Sure You Feel Hight Energy At least In Theatre.

If we Talk About Kartik Aryan He Works Too Hard For The Film And Also In his Career. The Movie Will Prove To Be A Big Kartik’s Career.

The film’s screenplay and direction are masterfully crafted by Kabir Khan, who once again proves his mettle as one of Bollywood’s finest directors.

Music Given By Pritam The Background Music and Songs resonate perfectly According to The Situation.

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