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Movie Review: Mr & Mrs Mahi Going Too Slow In Box Office ?
Review Mr. & Mrs Mahi: Hello friends welcome to all of you, we are going to review the film Mr. and Mrs. Mahi. In short, we are going to talk about the story, and direction. What Rajkumar Rao and Janhavi Kapoor have done with cricket in the film And How is the direction? How is the music? Overall, quickly Let’s talk. Let’s start the review. If we talk about the story in brief, then it is the story of a husband and a wife. The husband is not able to do anything in his life because he wants to play cricket. After this, he is not able to live his dream. If he is not selected for the cricket Team, Then he wants to live his dream with his wife. He wants to make his wife a big cricketer.
This is the story. The story starts with Mr. Mahi. That is, Rajkumar Rao when Rajkumar Rao is not selected, he goes to his father, that is, Kumud Mishra, and says to him please give me one more year’s chance, I want to play cricket, I will get selected, but his father does not give him a chance. Then he starts sitting in his father’s shop, which has a sports shop, but he does not feel like playing it. His mind is in cricket and he gets taunted by his father every day. But he gets married to Janhavi Kapoor, that is, Mrs. Mahi and Mahi has been a topper since childhood. She tops 10th, 11th, 12th, tops MBBS, that is, she has been good in studies since childhood, she becomes a doctor, but when she gets married, it is revealed that she wants to play good cricket and she likes playing. Then Rajkumar himself is not able to fulfill his dream of making his wife a cricketer. Then he wants to make his wife a cricketer. T
hen Rajkumar Rao starts working to fulfill his dream. How an MBBS doctor becomes a cricketer and later plays for India. What is the story? Rajkumar Rao’s brother is a big star. This frustrates him more than his brother has done something good and his name is famous but Rajkumar Rao i.e. Mr. Mahi does not. So Mr. Mahi gets upset and with that problem, it is the story of a husband and wife. It is the story of a father. It is a family drama. Cricket has been dragged into it. How far can Mr. and Mrs. Mahi reach with cricket this has been shown in the film. So if I talk about the story of the film, then the story seemed a bit strange to me because an MBBS doctor who has been a topper since childhood, practices in a hospital. It seems that in the hospital she is not a doctor but a nurse because she has to think before giving injections and she gets scolded by the doctor. The reason behind this is that she does not feel like doing her work, she has to do something else. After this, when she leaves being a doctor and starts playing cricket, then she goes ahead very well in cricket.
The story did not seem a bit logical to me. Maybe if you go to watch it, you will see the logic in it. Apart from this, if I talk about the direction, then Sharan Sharma has directed this film and the producers of this film are Dharma Productions, Karan Johar, and Zee Studios. There are a lot of ups and downs in the screenplay which seems fine at some places. In some places, it disappoints you. The first half, then somehow you manage to pull it up in the second half. You will feel a little good when Janhvi Kapoor plays cricket. Because when fours and Six are hit with the bat, we Indians love cricket a lot.
We love to watch Fours and Six from anywhere. So that is where the background music plays very well. When the background music enters the ears, it feels a little okay. The scene ending part feels a little good. And in the beginning, when Rajkumar Rao is shown to be a little emotional when he is not selected, that part is not very enjoyable in the middle. The film feels a little slow. It can be fast a little. If you have time, you can watch this film. It is worth watching one time
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REVIEWS
Binny And Family’ Movie Review: दो जनरेशन गैप की एक कठोर सचाई
‘Binny And Family’ Movie Review:
Cast: Anjini Dhawan, Pankaj Kapur, Rajesh Kumar, Charu Shankar
Director: Ssanjay Tripaathy
Producer: Mahaveer Jain Films and Waveband Productions
Ratting: 6/10
Review: एक ऐसी फिल्म जो 7 साल से बन रही थी यानी इसका सरसती कम नहीं हो रहा था लेकिन फाइनली 7 साल बाद यह फिल्म आज जाकर रिलीज हुई है और यह फिल्म पूरी तरह पारिवारिक बनाने की कोशिश की गई है तो पारिवारिक बनी है या नहीं आईये जानते है –
फिल्म का नाम है “बिन्नी एंड फैमिली” फिल्म में है पंकज कपूर, राजेश कुमार, अंजनी धवन और चारू शंकर | फिल्म की कहानी को लेकर हम बात करे तो फिल्म जैसे ही स्टार्ट होती है एक ऐसी आवाज की शुरुआत होती है जो तोड़ी सी अजीब है लेकिन फिल्म जैसे शिफ्ट होती है पता चलता है लड़की दौड़ रही है और ये आवाज दौड़ने की है कुछ और नहीं |
फिल्म आगे बढ़ती है, सबसे पहले अब फिल्म की थोड़ी सी कहानी के बारे में बात कर लेते हैं फिल्म की कहानी सिंपल है सीधी है एक बिहार का रहने वाला फैमिली है जिसका लड़का लंदन चला जाता है और वहां पर अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहता है, जो लड़की वहां पे पली बढ़ी रहती है, पढ़ रही होती है अब क्या होता है कि जब लड़की के दादा और दादी जब लंदन जब जब भी जाते हैं लड़की को Unconfertable Feel होता है वह रूम शेयर नहीं करना चाहती, उसको बुरा लगता है कि दादा दादी क्यों आए हैं, तो इसी तरह की कहानी जो एक जनरेशन गैप बताने की कोशिश की गई है | दादा दादी बिहार के रहने वाले हैं तो उनको अपना बिहारी कल्चर अच्छा लगता है लेकिन लंदन में रहने वाले लोग शराब पीते हैं पार्टी करते हैं, तो दोनों जनरेशन के बीच में जो गैप दिखाने की कोशिश की गई है और कैसा है पोती और दादा-दादी के बीच का रिश्ता , कैसा है बीटा बाप के बीच का रिश्ता इसके लिए आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी लेकिन है कहानी सिंपल ही है |
अगर मैं वहीं बात करूं पंकज कपूर की एक्टिंग को लेकर तो पंकज कपूर नाकआउट एक्टर है , बॉलीवुड इंडस्ट्री के एक बेहतरीन कलाकार हैं उन्होंने बहुत अच्छी एक्टिंग की है अंजलि धवन को लेकर बात करें तो अंजलि ने भी जो एक Teen Age लड़की का किरदार बाखूबी निभाया है, लड़की के पिता बने राजेश कुमार ने एक बेहतरीन बिहारी लड़के का किरदार निभाया है और उनकी पत्नी बानी चारू शंकर ने एक अच्छी बहु के किरदार को न्याय दिया है | डायरेक्शन अच्छा हुआ है Ssanjay Tripaathy की लेकिन शायद तोड़ी और अच्छी हो सकती थी |
फिल्म के गाने इन्होने ठीक ठाक लिया है | फिल्म कुछ हद तक इमोशनल करती है जब सिनेमा हॉल में बैठे रहेंगे तो आप कई जगह इमोशनल फील करेंगे | अगर देखें तो फर्स्ट हाफ में स्टार्टिंग में लगता है कि चलो भाई फिल्म इमोशनल है और फिल्म की कहानी पकड़ बना रही है मजा आ रहा है और कुछ इमोशनल सींस आते हैं तो चलो फिल्म ठीक जा रही है लेकिन जैसे फर्स्ट हाफ के हाफ खत्म होता है लगता है फिल्म निराश कर ही है, कुछ समझ में नहीं मतलब फिल्म खींच होती है | फिर वही सेकंड हाफ की जब शुरुआत होती है तो सेकंड हाफ में फिल्म थोड़ी सी पकड़ बनाती है और स्पेशली दिखता है एक दादाजी और एक पोती का बॉन्ड कितना होता है इन दोनों का बॉन्ड दिखता है इन दोनों का प्यार दिखता है |
अगर फॅमिली फिल्म देखना चाहते है तो आप इस फिल्म को देख सकते है | जैसा की शुरू में मैंने बताया की जो आवाज से फिल्म स्टार्ट होती है वो है होती तो भी फिल्म को कुछ फर्क नहीं पड़ता |
रेटिंग – 6/10
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The Buckingham Murders Movie Review – Kareena Kapoor Khan , Hansal Mehta
The Buckingham Murders: रिव्यु मेहता डायरेक्टोरियल करीना कपूर की फिल्म द बकिंघम मर्डर का – नो ड्रामा, नो टाइम पास, ओनली ऑनेस्ट रिव्यु |
करीना कपूर के साथ इस फिल्म में हॉलीवुड के एक्टर्स ने भी काम किया है जिसमे दो है कैथ एलन और स्टुअर्ट व्हेलन –
फिल्म की कहानी है की एक बच्चे का मर्डर हो गया रहता है और उस मर्डर की जांच पड़ताल की जिम्मेदारी करीना की है जो एक UK पुलिस में अफसर की पोस्ट पर है – फिल्म के शुरुआत में ही दिखाया जाता है की एक घटना करीना कपूर के साथ भी घटी होती है – जिसका इस फिल्म से कोई लेना देना नहीं है ये क्यों दिखाया गया किस लिए दिखाया गया इसका जवाब शायद आप पूरी फिल्म देखकर जब बहार निकलेंगे तो भी इसका जवाब नहीं मिलेगा |
खैर कोई बात नहीं हम इसे छोड़ देते है जैसे मेकर्स ने इसे छोड़ दिया है | अब बात करते है फिल्म की असली कहानी पर – असली कहानी में एक लड़के का मर्डर होता है और उसमे ड्रग्स, पैसा , रोमांस – स्पेशल वाला रोमांस , फैमिली ये सब कुछ इन्वॉल्व होता है उससे भी बढ़कर कुछ सिख- मुस्लिम धर्मकाण्ड छुपछुपा कर करने की कोशिश की गयी है जो किसी काम का नहीं हैं | हा फिल्म की लेंथ थोड़ी छोटी है तो आपको लगेगा की इंटरवल जल्दी हो गया है लेकिन ये भी लगेगा की जो हुआ सही हुआ, क्युकी इंटरवल तक तो कुछ है ही नहीं, बाकी इंटरवल के बाद फिल्म के आखिरी 20 मिनिट में फिल्म आपको समझ आएगी और उसमे सस्पैंस और कहानी के हर सवाल का जवाब मिल जायेगा |
फिल्म में एक सीन डाला गया है जिमे गुरुद्वारा के सामने मुस्लिम झुण्ड बना कर आते है जो ऐसा लगता है की कुछ दंगा होगा लेकिन ये तो टाइम पास पूरी मजाक लगती है इसे फिल्म में डालने का क्या मतलब था इसका जबाब भी आपको शायद सोचने पर मजबूर कर देगी लेकिन मिलेगा नहीं |
फिल्म में करींना कपूर का कही से कोई खास इम्पैक्ट नहीं दिखा | चलता फिरता एक्टिंग और डायलॉग देखने को मिलेगा |
फिल्म के बीच में एक डिस्को बार में डांस के साथ गाना भी आता है लेकिन वो भी अधूरा होता है जो कभी पूरा होता ही नहीं |
हा अगर आप इस फिल्म को देखने ये सोच के जा रहे है की आपको ये फिल्म हिंदी में देखने मिलेगा तो आप इस ग़लतफ़हमी में मत जाईयेगा फिल्म में तो UK की कहानी है जहा कुछ इंडियन और पाकिस्तानी होते है – हा पाकिस्तानी से याद आया की उनको तो इस फिल्म में दिखाया गया है लेकिन क्यों ? वो इसलिए की बॉलीवुड स्क्रिप्ट में कभी पाकिस्तानी को तो गलत दिखाया ही नहीं जाता वो तो सच्चे लोग होते है, तो इसमें गलत कैसे दिखाएंगे |
खैर कोई नहीं, हम बात कर रहे थे की आप हिंदी समझ कर फिल्म देखने मत जाना क्युकी फिल्म 80 % इंग्लिश में है – दूसरी बात आप फिल्म देखने इसलिए जा सकते है की फिल्म का आखिरी 20 मिनिट का क्लाइमेक्स Was GOOD | बाकि ये फिल्म थिएटर के जगह OTT के लिए सही थी – अरे हां मजे की बात तो ये है की थिएटर के बाद नेटफ्लिक्स पर आएगी – तो आप थिएटर में जा कर देख सकते है नहीं तो कुछ दिन में नेटफ्लिक्स पर आ जाएगी |
Ratting – 1.5/5
MOVIES
अजय देवगन और तब्बू ऐसे जैसे एक सच्चे प्रेमी
Auron Mein Kahan Dum Tha Movie Review: औरों में कहां दम था क्या यह फिल्म देखने लायक है या फिर यूं ही नाम रख दिया गया है Auron Mein Kahan Dum Tha फिल्म की स्टोरी लाइन कैसी है फिल्म का डायरेक्शन कैसा है फिल्म में अजय देवगन और तब्बू की केमिस्ट्री कैसी है फिल्म में शांतनु माहेश्वरी और साई मंझरेकर ने काम किया है, कैसा काम किया है फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक कैसा है डायरेक्शन कैसा है या फिल्म आपको दिखने लायक है या नहीं ?
अगर हम सबसे पहले फिल्म की कहानी को लेकर बात करें तो फिल्म की कहानी अजय देवगन और तब्बू की केमिस्ट्री को दिखाई गई है कि अब बचपन में जो शांतनु ने किरदार निभाया है अजय देवगन का और साई ने निभाई है तब्बू का तो दोनों की केमिस्ट्री बचपन में कैसी थी कैसे प्यार हुआ और दोनों का प्यार होने के बाद कुछ ऐसी स्थितियां आ जाती हैं कि अजय देगन को जेल जाना पड़ता है और जेल में जिस तरह की भाईगिरी, जिस तरह की गुंडागर्दी अजय देगन ने की है वो एक अलग ही लेवल का था अगर हम ही बात करें फिल्म के आगे की कहानी को लेकर जब जिमी सरग का एंट्री होता है तो कुछ अलग ही लेवल चला जाता है |
तब्बू और अजय देवगन ने जिस तरह एक्टिंग किया है लग रहा की रियल एक्टिंग चल रही है अजय देवगन तो अजय देवगन है और तब्बू भी अच्छा काम किया है और वही हम फिर से बात करें शंतनु को लेकर शंतनु ने बहुत अच्छा से काम किया है जो उसका चेहरे का अग्रेशन है बहुत अच्छा लग रहा है साई ने अच्छा काम किया दोनों की केमिस्ट्री काफी अच्छा दिख रही है लेकिन फिर हम बात बात करने वाले कि स्टोरी को लेकर स्टोरी लेवल की बात करें तो स्टोरी लेवल इन्होंने बहुत अच्छे तरीके से पिक किया है और स्टोरी थोड़ी सी स्लो जरूर है लेकिन म्यूजिक ने इस स्लो स्टोरी में एक जान लगा दिया है | आप फिल्म में पूरी तरह से घुस जाने वाले हैं एंजॉय करने वाले हैं और ऐसा लगने वाला है कि आगे अब कुछ होने वाला है अब कुछ होने वाला है क्योंकि बैकग्राउंड म्यूजिक इस लेवल से इन्होंने पिक किया है, इस लेवल से इन्होंने डाला है कि ऐसा लग रहा है कि म्यूजिक और एक्टिंग के बदौलत अब कुछ हो जाएगा | यानी जिस तरह अजय दग एक्टिंग कर रहे हैं जिस तरह तबू एक्टिंग कर रही है ऐसा लग रहा है कि अब कुछ होने वाला है अब कुछ दूसरा होने वाला है मतलब ऐसा पूरी फिल्म में चलने वाला है और इसके बाद इंटरवल के बाद जो फिल्म आती है उसमें पता चलता है कि अजय देवगन जेल क्यों गए हैं ? एक्चुअल में क्या हुआ था |
जिस तरह जिम्मी सर्किल की एंट्री हुई है ऐसा लग रहा था फिर से कुछ अलग होने वाला है लेकिन होता कुछ और है यानी जिस तरह की एक्टिंग अजय दवगन तब्बू की जा रही थी उस लेवल की जिम्मी शेरगिल की भी गई है यानी ब्रांड ब्रांड होता है ओल्ड इज ऑलवेज गोल्ड होता है नो डाउट फिल्म की स्टोरी थोड़ी सी स्लो है लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक के बदौलत अपने लेवल में आ जाती है |
डायरेक्शन अच्छे तरीके से किया गया है हां एक चीज इस फिल्म का स्टार्टिंग से ही सबसे बेस्ट मुझे लगा है वो है सिनेमेटोग्राफी | सीन बहुत अच्छे तरीके से इस फिल्म में दिखाया गया है मुझे यह फिल्म का सिनेमेटोग्राफी बहुत अच्छा लगा इसके बाद एक्टिंग तो भाई एक्टिंग होती है ओल्डी अल्वेज गोल्ड होता है, तो ओवरऑल फिल्म फैमिली के साथ देखने लायक है और फिल्म में शुरू से लेकर लास्ट तक एक्साइटमेंट बनी रहेगी एक ऐसी लव स्टोरी, जो कहानी तो बहुत साल पहले की है लेकिन ऐसा लग रहा है कि अभी-अभी नए जमाने की यह कहानी चल रही है ओवरऑल फिल्म एक बार तो देखने लायक है अगर आप अजय देगन के फैन है तो आप डेफिनेटली फिल्म को देखने जा सकते हैं अगर मैं इस फिल्म के रेटिंग की बात करूं तो मैं इस फिल्म को 3.5 दूंगा आउट ऑफ फाइव में |
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